Read this also: दरअसल, पूर्वाेत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में राजेश पांडेय तकनीकी ग्रेड वन पर कार्यरत थे(
NE railway employee Rajesh has changed his gender and become female with help of plastic surgery. he wants his recognisation as Female Sonia Pandey for rest of his service))। पिता की मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर यह नौकरी उनको साल 2003 में मिली थी। परिवार में चार बहनें हैं और मां हैं। बताया जा रहा है कि साल 2017 में राजेश कुमार पांडेय ने अपना जेंडर परिवर्तन कराकर पुरुष से स्त्री बन गए। इसके बाद वह अपना नाम सोनिया पांडेय रख लिए। राजेश से सोनिया बने शख्स ने इज्जतनगर मुख्य कारखाना कार्मिक महाप्रबंधक के यहां आवेदन किया। नाम व जेंडर परिवर्तन के संबंध में जब कार्यालय को आवेदन पत्र प्राप्त हुआ तो सब चौक गए।
यह भी पढ़ेंः इज्जतनगर मंडल ने पूर्वाेत्तर रेलवे के जीएम के आफिस में इस मामले को बढ़ा दिया है( When Railway
izzatnagar division was unable to take decision forwarderd file to
NER headquarter Gorakhpur)। अब रेलवे के विशेषज्ञ इस मामले की तकनीकी पहलुओं पर विचार करने लगे। लेकिन उनको कुछ समझ में नहीं आया। काफी दिनों तक पूर्वाेत्तर रेलवे के मुख्यालय में फाइल पड़ी रही। इस मामले में क्या निर्णय हो इसको लेकर नियम खंगाले गए लेकिन सफलता नहीं मिली।
चूंकि, रेलवे ने राजेश को नौकरी दी थी अब उस सर्विस बुक में नाम से लेकर जेंडर तक परिवर्तित करना है( Railway has appointed Male candidate and now it is very critical to entry on service book as Female)। रेलवे के कानूनी जानकारों का कहना है कि सोनिया पांडेय ही राजेश हैं, यह साबित करना एक टेढ़ी खीर है। दूसरा कि जेंडर परिवर्तन का आज तक कोई मामला रेलवे के इतिहास में नहीं आया( This gender change case is first in departmental history)। ऐसे में अब सबसे पहले यह साबित करना होगा कि सोनिया ही राजेश है( Railway has to enter proof that Sonia is only rajesh)। इसके लिए फिंगर प्रिंट का मिलान होगा( Railway is searching best option to settle this matter that may be finger print match also)। फिंगर प्रिंट मिलने के बाद यह साफ हो जाएगा कि दोनों शख्स एक ही व्यक्ति है। दूसरा राजेश उर्फ सोनिया का जेंडर क्या है यह भी चिकित्सीय जांच में तय होगा, इसी के बाद आगे कोई निर्णय हो सकेगा।